जनहित प्रकटीकरण और मुखबिरों की सुरक्षा (पीआईडीपीआई) के तहत शिकायत सचिव, केंद्रीय सतर्कता आयोग, सतर्कता भवन, ब्लॉक-ए, जीपीओ कॉम्प्लेक्स, आईएनए, नई दिल्ली-110023 को संबोधित की जानी चाहिए।   |   उड़ानों की बुकिंग के लिए सहायता चाहिए, कृपया टोल फ्री नंबर 1800 180 3649 के माध्यम से हमसे संपर्क करें   |   यदि शिकायतों का आंतरिक समाधान नहीं हो पाता है, तो लोक शिकायत निदेशालय (डीपीजी) (https://dpg.gov.in) से शिकायत के निवारण के लिए संपर्क किया जा सकता है।   |   रोहिणी हेलीपोर्ट, दिल्ली में पहले आओ पहले पाओ के आधार पर पट्टे के लिए उपलब्ध हैंगर स्पेस   |   भारत के संविधान की प्रस्तावना  |   विमानन अकादमी दिल्ली में दाखिला  |   पीएचएल इंटर्नशिप   -  योजना  (यहां क्लिक करे),  आवेदन  (यहां क्लिक करे)   |   पीएचटीआई मुंबई में बैचलर ऑफ एरोनॉटिक्स एंड एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग के लिए एडमिशन ओपन  (यहां क्लिक करे)   |   उड़ानों की बुकिंग के लिए सहायता चाहिए, कृपया टोल फ्री नंबर 1800 180 3649 के माध्यम से हमसे संपर्क करें   |   पारदर्शिता लेखापरीक्षा के लिए एक ढांचा     |   स्वच्छता शपथ

मुख्य पृष्ठ >> समाचार एवं मीडिया >> हिमाचल प्रदेशः पहाड़ पर नई उड़ान

स्रोत: इंडिया टुडे

  16/07/2018

अब सरकारी हेलीकॉप्टर से सस्ते किराए में हिमाचल का सफर कर पाएंगे आम लोग सफेद बर्फ से ढकी हिमालयी चोटियों को चीरते 'हंस' में उड़ान का लुत्फ कौन नहीं लेना चाहता. हिमाचल प्रदेश की सरकार ने अब आम लोगों के लिए 'पवन सैर' को संभव कर दिया है. दरअसल, प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपना वीआइपी हेलिकॉप्टर पवन हंस को पर्यटकों को चंडीगढ़ से शिमला रूट पर उड़ान भरने के लिए दे दिया है.

फिलहाल सप्ताह में तीन दिन सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को आम लोग इसमें सफर कर रहे हैं. इसे दिल्ली की कनेक्टिंग उड़ान के साथ जोड़ा गया है. 4 जून को शुरू हुई इस सेवा में 80 फीसदी सीटें भरी गईं. इसका किराया करीब 2,999 रु. था. पवन हंस की वेबसाइट पर इसकी बुकिंग हो रही है.

दरअसल, सरकार ने जिस चॉपर को पांच साल के लिए किराए पर लिया था, वह 40 घंटे भी उड़ान नहीं भर पा रहा था, जबकि उसे एक साल में 480 घंटे की उड़ान पूरी करनी है. अब राज्य पर्यटन निगम उससे पैसा कमाएगा और लोगों को भी सुविधा होगी.

हालांकि अरसे से राज्य सरकार के पास सिर्फ एक हेलिकॉप्टर है. अब सरकार तीन हेलिकॉप्टर खरीद रही है. इनमें से एक विशेष तौर पर उन कबाइली क्षेत्रों के लिए होगा जहां जरूरत का सामान और लोगों का आवागमन सुचारू किया जा सके. सिर्फ जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में कबाइली क्षेत्रों की उड़ान के लिए केंद्र सरकार 75 फीसदी सब्सिडी देती है.

पर एक ही हेलिकॉप्टर होने से सरकार इस सुविधा का पूरा लाभ नहीं उठा पा रही थी. राज्य के पर्यटन सचिव राम सुभाग सिंह कहते हैं, ''अभी दो करोड़ रु. की सब्सिडी ले रहे थे पर अब 10-12 करोड़ रु. सब्सिडी की गुंजाइश है.''

वहीं उड़ान-दो योजना के तहत शिमला, मंडी, कुल्लू, धर्मशाला और सोलन से पवन हंस और उड़ानें शुरू करने जा रहा है.

मुख्यमंत्री कहते हैं, ''पहाड़ों में बड़ी हवाई पट्टियां बनाने में दिक्कत होती है. हमने प्रयास किया है कि हेलिकॉप्टरों के जरिए आम लोग घूम सकें. हम हेलीपैड बना रहे हैं और बड़ी हवाई पट्टियों को भी बनाने की कोशिश होगी.''

Vigilance
Rate this site